Monday 2 November 2015

करीब दो दशक से भारतीय पुलिस की आंखों में धूल झोंकने वाला अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन आखिरकार कानून की गिरफ्त में आ चुका है. 25 अक्टूबर को इंडोनेशिया के बाली में उसको गिरफ्तार कर लिया गया. यह ऑपरेशन सीबीआई, इंटेलीजेंस यूनिट, मुंबई क्राइम ब्रांच, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया पुलिस के साथ इंटरपोल के सफल कोऑर्डिनेशन के जरिए सफल हो सका. उसे लाने के लिए सीबीआई की टीम बाली पहुंच चुकी है.

कभी दाऊद इब्राहिम की पनाहों में रहने वाला छोटा राजन मुंबई हमलों के बाद उससे अलग हो गया था. अंडरवर्ल्ड में दाऊद और छोटा राजन गैंग के बीच कई बार टकराव भी हुए. जानलेवा हमलों की खबरें भी आईं. लेकिन वह पुलिस और दाऊद की नजरों से बचता रहा. हमेशा वीओआईपी के जरिए कॉल करने वाले राजन ने 24 अक्टूबर को व्हाट्सएप के जरिए अपने एक शुभचिंतक को फोन किया, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने टेप कर लिया.

फोन पर छोटा राजन ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षित नहीं है. बहुत जल्द से यहां से निकल जाएगा. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं. इंटरपोल ने भी अलर्ट जारी कर दिया. 25 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलियन फेडेरल पुलिस को खबर मिली कि भारतीय मूल का एक नागरिक बाली जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने फौरन इंटरपोल के जरिए बाली इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को इसकी सूचना दी और छोटा राजन को एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर लिया गया.

कौन है छोटा राजन
छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है. उसे प्यार से 'नाना' या 'सेठ' कहकर भी बुलाते हैं. उसका जन्म 1960 में मुंबई के चेम्बूर की तिलक नगर बस्ती में हुआ था. महज 10 साल की उम्र में उसने फिल्म टिकट ब्लैक करना शुरू कर दिया. इसी बीच वह राजन नायर गैंग में शामिल हो गया. जुर्म की दुनिया में नायर को 'बड़ा राजन' के नाम से जाना जाता था. यह नायर का दाहिना था, इसलिए लोग इसे 'छोटा राजन' कहने लगे.

ऐसे हुआ दाऊद से हुआ संबंध
बड़ा राजन की मौत से बाद छोटा राजन ने पूरे गैंग की कमान संभाल ली. इसी दौरान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से इसका संबंध बन गया. दोनों एक साथ मिलकर मुंबई में वसूली, हत्या, तस्करी और फिल्म फाइनेंस का काम करने लगे. 1988 में वह दुबई चला गया. इसके बाद दाऊद और राजन मिलकर भारत ही नहीं पूरी दुनिया में गैर-कानूनी काम करने लगे. मुंबई में उनकी तूती बोलने लगी. लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा हुआ, जिसने उनको अलग कर दिया.  
 
क्यों हुई दाऊद से दुश्मनी
भारत में अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के बाद बड़े गैंगस्टरों में दूसरे नंबर पर छोटा राजन का ही नाम आता है. वह लंबे समय तक डी कंपनी के साथ काम करता रहा. लेकिन बाबरी कांड के बाद 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट ने राजन को दहला दिया. जब उसे पता चला कि इस कांड में दाऊद का हाथ है, तो वह उसका दु्श्मन बन बैठा. उसने खुद को दाऊद से अलग करके नया गैंग बना लिया. दोनों एक-दूसरे के जानी-दुश्मन बन बैठे.

कई बार हुए जानलेवा हमले
मुंबई ब्लास्ट के बाद दाऊद और राजन ने भारत छोड़ दिया. इस दौरान दोनों एक-दूसरे को मारने का प्लान बनाते रहे. दाऊद ने छोटा राजन पर कई बार जानलेवा हमला करवाया, लेकिन वह बचता रहा. राजन पर हमले की बड़ी साजिश दुबई में दाऊद के खास शूटर शरद शेट्टी के घर में रची गई. साल 2000 में पिज्जा डिलीवरी ब्वॉय बनकर आए दाऊद के लोगों ने बैंकॉक के एक होटल में राजन पर हमला कर दिया.

ऐसे लिया हमले का बदला
छोटा राजन पर कई राउंड फायरिंग की गई, लेकिन वह वहां से बचकर भाग निकला. कहा जाता है कि छोटा राजन को बचाने में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का भी हाथ था. हालांकि, इसे खुद राजन इस बात से इंकार करता है. बैंकॉक में हुए हमले का उसने बदला लिया. उसका हवाला कारोबार संभालने वाले उसके भाई रवि और विमल ने 2003 में दुबई के एक क्लब में छोटा शकील के खास शरद शेट्टी की हत्या कर दी थी.

जब छोटा राजन ने कहा था, 'मैं जिंदा हूं'
अप्रैल, 2014 में बड़ी तेज़ी से एक खबर उड़ी थी. खबर ऐसी थी कि पूरे अंडरवर्ल्ड के साथ-साथ खुद पुलिस भी सकते में रह गई. कहा गया कि अंडरवर्ल्ड डॉन और डी कंपनी के जानी दुश्मन छोटा राजन की मौत हो गई है. ये भी बताया गया कि छोटा राजन की किडनी पहले से ही खराब थी. डायलसिस के दौरान उसकी हालत और खराब हो गई जिससे उसकी जान चली गई. इस खबर के आने के बाद छोटा राजन ने फोन पर बातचीत में आजतक से कहा...'मैं जिंदा हूं'. मेरे मरने की झूठी खबर दाऊद इब्राहिम फैला रहा है.

छोटा डॉन पर दर्ज हैं कई केस
भारत में छोटा राजन पर 65 से ज्यादा आपराधिक केस दर्ज है. राजन नायर गैंग में रहते हुए उसके खिलाफ पहले से अवैध वसूली, धमकी, मारपीट और हत्या की कोशिश के मामले दर्ज थे. दाऊद के साथ आने के बाद उसका क्राइम ग्राफ बढ़ गया. भारत में उसके खिलाफ 20 से ज्यादा लोगों की हत्या के केस दर्ज हैं. सन 2011 में मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या में भी उसका हाथ माना जाता है.

डॉन के लिए यूपी से जाते थे शूटर
भारतीय जांच एजेंसियों के मुताबिक, छोटा राजन के ज्यादातर शूटर यूपी के हुआ करते थे. इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सीतापुर, आजमगढ़ और जौनपुर जैसे जिलों से शूटर्स भेजे जाते थे. शूटर्स की सप्लाई का काम राजेश यादव नाम का एक शख्स किया करता था. मुंबई के चर्चित काला घोड़ा और फरीद तनाशा हत्याकांड में राजेश का भी नाम आया था. इसके साथ ही पूर्वांचल का माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव भी उसका करीबी था.

ऐसा है छोटा राजन का साम्राज्य
अंडरवर्ल्ड के इस डॉन ने अपना कारोबार भारत से समेट कर विदेशों में जमाया. आज तक को मिली जानकारी के मुताबिक, दुबई में काम बंद करने के बाद उसने मलेशिया का रुख किया. उसने जर्काता में डांस बार, डिस्को और नाइट क्लब खोल दिए. मलेशिया में कारोबार जम जाने के बाद थाईलैंड में भी ऐसा ही कारोबार खड़ा कर लिया. इसके अलावा उसने विदेशों में कई जगह बेनामी संपत्ति अर्जित की है.
 
लेडी डॉन है छोटा राजन की पत्नी
छोटा राजन की पत्नी का नाम सुजाता निखलजे है. उस पर साल 2006 में एक्सटॉर्शन का मामला दर्ज किया गया था. उसकी तीन बेटियां हैं. एक बेटी ब्रिटेन में एमबीए कर रही है. दूसरी इंजीनियर है. राजन की पत्नी सुजाता उर्फ नानी चेंबूर के तिलकनगर में रहती है. मुंबई पुलिस ने उसको बिल्डर से फिरौती मांगने के केस में हिरासत में लिया था. छोटा राजन और सुजाता की शादी में दाऊद भी आया था. सुजाता दाऊद को भाई मानती थी.

यहां बीता था डॉन का बचपन
पश्चिम महाराष्ट्र के सतारा के फल्तान तहसील के गिरवी गांव में छोटा राजन का पैतृक घर है. वहां कभी एक झोपड़ी हुआ करती थी, जो अब एक महलनुमा बंगले में बदल चुकी है. यहां छोटा राजन ने अपना बचपन बिताया था. गांववालों ने बताया कि पारिवारिक समारोह में राजन के भाई यहां आते रहते हैं. इस बंगले में राजन के पिता सदाशिव सखाराम निकाल्जे की मूर्ति भी है, जो 50 के दशक में मुंबई चले गए थे.

पैतृक गांव जाते हैं उसके परिजन
राजन के पैतृक गांव के एक बुजुर्ग बताते हैं कि वह अच्छा बच्चा था. अक्सर उनकी दुकान पर आता था. गर्मियों और दिवाली की छुट्टियों में उसके परिवार के लोग हमेशा गांव आते थे. अंडरवर्ल्ड की दुनिया में कुख्यात होने के बाद राजन ने गांव आना छोड़ दिया. हालांकि उसकी पत्नी और भाई परिवार में कोई समारोह होने पर गांव आते रहते हैं. 1976 में राजन के पिता की मृत्यु हो गई थी.

ऐसे पकड़ा गया छोटा राजन
25 अक्टूबर को इंडोनेशिया के बाली में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को गिरफ्तार किया गया. इससे पहले भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी एक फोन कॉल टेप की झी, जिससे पता चला कि वह ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षित नहीं है. बहुत जल्द से वहां से निकल जाएगा. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं. रविवार को ऑस्ट्रेलियन फेडेरल पुलिस को खबर मिली कि भारतीय मूल का एक नागरिक बाली जा रहा है.

पुलिस ने एयरपोर्ट पर लिया दबोच
खबर जब तक मिली तब तक प्लेन सिडनी एयरपोर्ट छोड़ चुका था. इसके बाद ऑस्ट्रेलियन फेडेरल पुलिस ने फौरन इंटरपोल के जरिए बाली इमिग्रेशन डिपार्टमेट को इसकी सूचना दी. खबर मिलते ही बाली एयरपोर्ट फौरन हरकत में आता है. इमिग्रेशन और बाली पुलिस प्लेन लैंड करते ही उस शख्स को फौरन दबोच लिया, जिसकी सूचना इंटरपोल से मिली रहती है. पासपोर्ट पर लगी फोटो से उसकी पहचान हो जाती है.

गिरफ्तारी के वक्त डरा था राजन
हालांकि, छोटा राजन के पासपोर्ट में मोहन कुमार नाम लिखा था. लेकिन पुलिस के पास मौजूद फोटो से उसका चेहरा मैच हो गया और पता चल गया कि पकड़ा गया शख्स इंडिया का मोस्ट वॉन्टेड राजेंद्र सदाशिव निखलजे है, जो 22 सालों से फरार था. गिरफ्तारी के समय छोटा राजन डरा हुआ था. उसने खुद पर खतरे की बात भी कबूल की. उसने बताया कि डी कंपनी यानी दाऊद का गैंग उसके पीछे पड़ा हुआ है.

महत्वपूर्ण है छोटा राजन की गिरफ्तारी
छोटा राजन की गिरफ्तारी भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. वह कई मामलों में वांछित है. एक वक्त में वह भारत के मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का सबसे खास आदमी था. वह भारतीय एजेंसियों को उसके बारे में अहम जानकारी दे सकता है. उसके सहारे एजेंसियां दाऊद के नेटवर्क में भी सेंध लगा सकती हैं. इसके साथ ही उन भारती नामों का भी खुलासा हो सकता है, जो दाऊद की मदद करते हैं.

दाऊद के खिलाफ भारत की मदद
कभी दाऊद का जिग्री दोस्त छोटा राजन 1993 में हुए बम ब्लास्ट के बाद अलग हो गया. उसके बाद दोनों एक-दूसरे के जानी दुश्मन हो गए. दोनों भारत छोड़कर विदेश में रहने लगे, लेकिन एक-दूसरे को मारने का प्लान भी बनाते रहे. छोटा राजन की मदद से भारत दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान में ही मारने की योजना बना चुका था, लेकिन मुंबई पुलिस के कुछ अफसरों की वजह से वह बच गया.

मुंबई पुलिस ने प्लान किया फ्लॉप
पूर्व गृह सचिव आरके सिंह ने आजतक से बातचीत में खुलासा किया था कि अटल सरकार के समय दाऊद को मारने के लिए छोटा राजन गैंग के लोगों को ट्रेनिंग दी गई थी. इस मिशन को वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल निर्देशित कर रहे थे. दिल्ली के एक होटल में पूरी तैयारी हो चुकी थी. इसी बीच मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम वहां पहुंच गई और उन शूटरों को गिरफ्तार कर लिया.

दाऊद से नहीं डरता डॉन
अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन ने बुधवार को बाली में कहा कि वह दाउद इब्राहिम के गैंग से नहीं डर रहा है. उसने यह बात तब कही है जब इंडोनेशिया की पुलिस ने विशेष कमांडो सुरक्षा के बीच ले जा रही थी. बाली पुलिस के प्रवक्ता हेरी वियांतो ने कहा कि उन्हें राजन के सामने मौजूद खतरों के बारे में पता है. इसलिए उसकी सुरक्षा में विशेष कमांडों लगाए गए हैं. उसकी सुरक्षा में कोई चूक न हो सकती. वह बिल्कुल स्वस्थ्य है.

अंडरवर्ल्ड की दुनिया पर बनी फिल्में
बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड का रिश्ता काफी पुराना है. अंडरवर्ल्ड का बहुत पैसा फिल्मों लगता रहा है. कई एक्टर और एक्ट्रेस के नाम अंडरवर्ल्ड डॉन से जुड़ते रहे हैं. ऐसे उनकी जिन्दगी से प्रभावित फिल्में बनना स्वाभाविक है. छोटा राजन की जिंदगी पर भी कई फिल्में बनी हैं. अपराध जगत पर बनने वाली फिल्मों में महेश मांजरेकर की वास्तव: द रियलिटी, रामगोपाल वर्मा की कंपनी, सत्या, डी और वंस अप ऑन ए टाईम इन मुंबई प्रमुख हैं.


Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Vacancy

RBI has announced the recruitment for 134 GRADE B OFFICERS.
 The examination will be in two phases.
 The detailed advertisement will be published on 5th October.

Popular Posts